हकलाना जन्म से नहीं होता है, तुतलाना जन्म से होता है। 100% बच्चे जन्म से तुतलाते हैं लेकिन 99% बच्चे स्वतः ही ठीक हो जाते हैं लेकिन हकलाना किसी कारणवश होता है, बोलने के लिए श्वास का बड़ा योगदान होता है। आपका श्वास छोटा हो जाता है या श्वास के टुकड़े हो जाते हैं फिर आप कम श्वास में ज्यादा स्पीड से बोलते हैं और हकलाते हैं और जब आप लगातार हकलाते हैं तो आपके दिमाग में बैठ जाता है कि मैं हकलाता हूं, बाद में यह आपकी साइक्लोजीहो जाती है और आप ठीक से स्पष्ट नहीं बोल पाते हैं। आप समझदार होते हैं, पढे लिखे होते हैं, आप अपना दिमाग लगाते हैं सारे तरीके अपनाते हैं, धीरे भी बोलते हैं लेकिन ठीक नहीं बोल पाते क्योंकि आपको इसके बारे में 1% भी जानकारी नहीं होती।
श्वास छोटे होने के 4 कारण होते हैं-
हकलाने के 6 कारण होते हैं-
हकलाना कैसे बढ़ता है?
आप जब लगातार ठीक नहीं बोल पाते, हकलाते हैं तो आप कुछ शब्द छांट लेते हैं कि इनको तो मैं बोल ही नहीं सकता और जब वो शब्द बोलने में आते हैं तब आप बिल्कुल भी नहीं बोल पाते और अटक जाते हैं, इससे आपका हकलाना बढता रहता है। फिर जैसे आप पानी बोलने में अटकते हैं तब आप शब्द बदलकर बोलते हैं, पानी की जगह जल बोलते हैं, यह इसका इलाज नहीं है। ऐसा करने से हकलाहट बढ़ जाती है। और आपका बोलने का विश्वास कम होता जाता है। हकलाना बीमारी नहीं एक गलत आदत है। हकलाने की वजह से आप में योग्यता होते हुए भी शादी ब्याह में समस्या हो सकती है। बिजनिस व जॉब में भी बहुत ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी कभी आप इतना परेशान हो जाते हैं। कि आत्महत्या करने तक की सोच लेते हैं। हकलाने वाले व्यक्ति में गुस्सा भी ज्यादा होता है।
आप पहले शब्द पर ही क्यों अटकते हैं ?
आपके बोलने की स्पीड ज्यादा होती है, आप चार पाँच शब्दों को एक साथ बोलने की कोशिश करते हैं, श्वास छोटा व स्पीड अधिक होने के कारण आपकी जुबान प्रोपर शब्द नहीं बना पाती, आपको बोलने का विश्वास नही रहता है, और आप पहले ही शब्द पर अटक जाते हैं या फिर पहले शब्द को चार से पांच बार बोलते हैं या फिर शब्द को ही बदलना पड़ता है। आप बोल नहीं पाते हैं और अटक जाते हैं।
आप गाना गाते वक्त क्यों नहीं हकलाते हैं ?
आप गाना गाते समय गाने की लाइन को पूरी करने के लिये पूरा श्वास भर लेते हैं और गाने को लय और ताल में आपका ध्यान लग जाता है। आपकी साइक्लोजी यानि आपका ध्यान हकलाने से हट जाता है और आप गाना गाते वक्त नहीं हकलाते हैं। अगर आपकी जुबान या मुंह में कोई समस्या होती तो आप गाना गाते समय भी हकलाते और आप कमरे में अकेले होते है तो आप बिल्कुल सही बोलते है, इसलिए आपकी जुबान या मुहँ में काई समस्या नहीं होती है ।
अगर आप ज्यादा हकलाते हैं तो आपकी स्पीड 130 से 150 के आसपास है। आप कम हकलाते हैं तो आपकी स्पीड 80 से 90 होती है। सामान्य व्यक्ति सही बोलता है उसकी स्पीड 40 से 50 होती है। हम स्पीच थैरेपी द्वारा आपकी स्पीड कम करते हैं तथा श्वास को लम्बा करके रोजाना निरन्तर अभ्यास द्वारा आपको सही बोलना सिखाते हैं। इससे आपकी साइक्लोजी ठीक होती है और आप ठीक बोलने लगते हैं। और आपका आत्मविश्वास बढ़ने लग जाता है।