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हकलाना क्यों होता है

हकलाने के कारणों पर जानकारी।

हकलाना क्या होता है ?

हकलाना जन्म से नहीं होता है, तुतलाना जन्म से होता है। 100% बच्चे जन्म से तुतलाते हैं लेकिन 99% बच्चे स्वतः ही ठीक हो जाते हैं लेकिन हकलाना किसी कारणवश होता है, बोलने के लिए श्वास का बड़ा योगदान होता है। आपका श्वास छोटा हो जाता है या श्वास के टुकड़े हो जाते हैं फिर आप कम श्वास में ज्यादा स्पीड से बोलते हैं और हकलाते हैं और जब आप लगातार हकलाते हैं तो आपके दिमाग में बैठ जाता है कि मैं हकलाता हूं, बाद में यह आपकी साइक्लोजीहो जाती है और आप ठीक से स्पष्ट नहीं बोल पाते हैं। आप समझदार होते हैं, पढे लिखे होते हैं, आप अपना दिमाग लगाते हैं सारे तरीके अपनाते हैं, धीरे भी बोलते हैं लेकिन ठीक नहीं बोल पाते क्योंकि आपको इसके बारे में 1% भी जानकारी नहीं होती।

श्वास छोटे होने के 4 कारण होते हैं-

  1. शारीरिक कमजोरी या बचपन में कोई बड़ी या लम्बी बीमारी रही हो, जैसे टाइफाइड, दमा, पीलिया इत्यादि ।
  2. परिवार में कोई हकलाता हो जिसने आपको बोलना सिखाया हो या आपने उसकी नकल करी हो ।
  3. डर की वजह से, आपको बचपन में बहुत ज्यादा डरा धमका के रखा गया हो
  4. या आपके साथ कोई बड़ा हादसा या दुर्घटना हुई हो। हकलाना बचपन में 10 साल से पहले पहले होता है। 90% लोगों में उम्र के साथ हकलाना बढ़ता है और 10% लोगों में कम हो जाता है।

बोलने में कठिनाइयों के पीछे के विज्ञान पर शैक्षिक सामग्री।